बुढार पुलिस द्वारा 02 चोरियों का किया खुलासा
शहडोल। थाना बुढ़ार में फरियादी अभिलाश ताम्रकार द्वारा रिपोर्ट की गई कि उसकी मेन मार्केट बुढ़ार स्थित बर्तन की दुकान में अज्ञात व्यक्तियो द्वारा ताला तोड़ कर दुकान के अंदर से कांसा के बटुआ,परात,कढ़ाई इत्यादि कुल कीमती 75,000 रुपये का मशरुका चोरी कर ले गया है। 20 जनवरी 24 को फरियादी रोहिन सोनी निवासी बुढ़ार द्वारा रिपोर्ट की गई कि उसके बुढार स्थित मकान का ताला तोड़ कर अज्ञात व्यक्तियो द्वारा कांसा के बटुआ तथा पीतल की परात एवं अन्य सामग्री कीमत करीब 25000 रुपये की चोरी कर ली गयी है,
उपरोक्त दोनो घटनाओं की सूचना मिलने पर थाना बुढ़ार में धारा 457,380 भा.द.वि. के तहत अलग-अलग अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है चूकि बुढ़ार कस्बा के दुकानों में नकबजनी की घटना होने से मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक के निर्देशानुसार टीम गठित कर एसडीओपी धनपुरी के मार्गदर्शन में माल मुल्जिम की पतासाजी सक्रियता से की गई।
दौरान विवेचना पता तलाश करने पर नाबालिक 15-16 वर्ष के तीन युवको द्वारा दोनो चोरी को अंजाम देना ज्ञात होने पर तीनो नाबालिक को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई जो एक साथ दोनो घटनाएँ कारित करना बताये तथा चोरी किये गये बर्तन में से कुछ बर्तन मोहन डोड़वानी पिता स्व. टीकमदास डोडवानी निवासी हरेमाधव कालोनी बुढ़ार को इसकी बर्तन दुकान में ले जाकर बिक्री करना तथा कुछ चोरी के बर्तन राजा कबाड़ी निवासी ईमली टोला बुढ़ार को बिक्री करना बताये, शेष मशरुका निरजन स्थान पर जमीन के गढ्ढे में छिपाये स्थान से निकाल कर बरामद करायें है जिसे जप्त किया गया है। आरोपी मोहन डोडवानी एवं अपचारी बालको के कब्जे से कांसा के बटुआ-10 नग, परात-04 नग, कोपरी-04 नग, कढ़ाही-05 नग, कुल कीमती करीब 60,000 रुपये का मशरुका जप्त किया गया है तथा आरोपियो को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड हेतु न्यायालय बुढार एवं किशोर न्याया बोर्ड शहडोल के समक्ष दाखिल कराया गया है।
शेष मशरूका बरामदगी के लिये खरीददार फरार आरोपियो की तलाश की जा रही है, फरार आरोपी मथुरादीन उर्फ राजा चौधरी निवासी ईमली टोला बुढार, पवन चौधरी निवासी ईमली टोला बुढार कबाड़ दुकान में चोरी के बर्तन खरीदने का अपराध कर रहे थे जिनकी तलाश कर गिरफ्तारी की जानी शेष है। मामले में तत्पर्तापूर्वक अपराधी गिरोह का पर्दाफास कर मशरूका बरामद करने में थाना प्रभारी निरीक्षक संजय जायसवाल के नेतृत्व में विवेचक उनि. उपेन्द्र त्रिपाठी, सउनि. ज्ञानेन्द्र सिंह, सउनि. गिरिश शुक्ला, आर. 205 अक्षय प्र. आर. 543 आसिफ मंसूरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
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